6 जनवरी 2016

परायी अमानत

बेटी तू तो परायी अमानत है  ,
तू जहाँ ब्याह कर जायेगी वो ही तेरा घर  .. 
माँ बापू से ये सुना हरदम  ... 
माँ तूने जन्म दिया और बापू ने पढ़ाया  ,
क्या ये मेरा घर नहीं है ????
ब्याह करके बिदाई के वक्त :
माँ बोली ये तेरा नैहर है बिटिया अब से 
अब तू अपने घर जा रही है  ..... 
सास कहे अब परायी जनी  
क्या जाने इस घर के रस्मो रिवाज सब ???
मारन ताडन से दम घुंटता है 
तो क्यों नहीं जाती अपने घर वापस ???
मेरा घर कौनसा ???
मैंने एक नौकरी ढूंढी है  .... 
अब अपनी कमाई से मैं एक घर बनाऊँगी  ... 
वो मेरा घर होगा जहाँ कोई मुझे नहीं कहेगा :
चली जा अपने घर  ... 
तू तो परायी अमानत है  ,ये घर भैया का है  ..... 

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